विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ को राज्य स्तरीय “स्वच्छता पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नगर पंचायत केदारनाथ को प्रदान किया.
केदारनाथ यात्रा के दौरान प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं. भारी संख्या में आने वाले तीर्थयात्रियों के बीच स्वच्छता बनाए रखना जिला प्रशासन और नगर पंचायत के लिए एक बड़ी चुनौती रहती है. इसी चुनौती को अवसर में बदलते हुए प्रशासन और सफाई कर्मियों ने लगातार मेहनत कर धाम की स्वच्छता व्यवस्था को नए आयाम दिए हैं.
धाम में सफाई कार्यों को प्रभावी बनाने के लिए बड़ी संख्या में सफाई कर्मियों की तैनाती की जाती है. साथ ही जिला प्रशासन यहां Digital Deposit Refund System (DDRS) को भी प्रभावी ढंग से संचालित कर रहा है. इस प्रणाली के तहत यात्रियों को प्लास्टिक बोतल या उत्पाद खरीदते समय एक निर्धारित राशि जमा करनी होती है. जिसे उपयोग के बाद बोतल या प्लास्टिक उत्पाद वापस करने पर डिजिटल रूप से लौटा दिया जाता है. इस अभिनव प्रणाली से तीर्थयात्रियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है. इससे प्लास्टिक प्रदूषण पर भी बेहतर नियंत्रण हुआ है.
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने कहा यह पुरस्कार पूरे केदारनाथ प्रशासन और सफाई कर्मियों की अथक मेहनत का परिणाम है. उन्होंने कहा, “स्वच्छता केवल एक पुरस्कार पाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक निरंतर प्रयास है. केदारनाथ जैसे पवित्र धाम में स्वच्छता बनाए रखना हर तीर्थयात्री और कर्मचारी की साझा जिम्मेदारी है. प्रशासन ने हमेशा से प्रयास किया है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ और पवित्र वातावरण मिले. आगे भी हम धाम को और स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए नई तकनीकों और नवीन प्रयोगों को अपनाते रहेंगे. उन्होंने कहा हमारा लक्ष्य केवल धाम की सुंदरता और पवित्रता बनाए रखना नहीं, बल्कि इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी संरक्षित रखना है.
वहीं, नगर पंचायत केदारनाथ के अधिशासी अधिकारी नीरज कुकरेती ने कहा यह उपलब्धि नगर पंचायत की संपूर्ण टीम को समर्पित है. जिसने निरंतर मेहनत कर धाम की स्वच्छता व्यवस्था को बनाए रखा. उन्होंने कहा, इस सम्मान से पूरी टीम में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है. आने वाले समय में हम स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे.
