आज श्रावण मास का दूसरा सोमवार है एक ऐसा दिन जो भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है. सावन का महीना पूरे हिंदू धर्म में एक विशेष आध्यात्मिक महत्व रखता है, जिसे उत्तर भारत में “सावन” और दक्षिण भारत में “श्रावण मास” कहा जाता है. यह महीना भोलेनाथ को समर्पित है और इस दौरान हर सोमवार को शिवभक्त उपवास रखते हैं, पूजन करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं.
क्यों खास होता है सावन सोमवार?
श्रावण मास में आने वाले सोमवार को व्रत करना विशेष फल देने वाला माना गया है. मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा से व्रत और शिव पूजा करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं. भक्तजन इस अवसर पर उपवास रखते हैं, शिवलिंग पर जल और दुग्ध से अभिषेक करते हैं, साथ ही बेलपत्र, धतूरा और भांग जैसे पवित्र अर्पण भी चढ़ाते हैं. कहा जाता है कि इस मास में शिव की आराधना करने से न केवल सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं, बल्कि पाप भी नष्ट होते हैं और मनुष्य को मानसिक शांति प्राप्त होती है.
पूजन की विधि
वैदिक ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञ आदित्य झा के अनुसार, श्रावण सोमवार की शुरुआत सुबह जल्दी स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनने से होती है. इसके बाद शिवलिंग का जल, दूध, शहद और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है. बेलपत्र, पुष्प और धूप-दीप से भगवान शिव की आरती की जाती है. फिर “ॐ नमः शिवाय” या “महामृत्युंजय मंत्र” का 108 बार जाप करना विशेष फलदायक माना गया है. कई भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और सूर्योदय से सूर्यास्त तक अन्न ग्रहण नहीं करते; कुछ केवल फल और दूध का सेवन करते हैं. शाम के समय मंदिर जाकर या घर पर ही शिव की आरती और पुनः अभिषेक करना दिन का प्रमुख धार्मिक कार्य माना जाता है.
आज के शुभ मुहूर्त और योग
इस सावन सोमवार को कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जो इसे और अधिक पवित्र बना देते हैं. ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:14 से 4:55 तक, अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:55 तक आज सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है, जो किसी भी धार्मिक कार्य या व्रत के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं.
व्रत और पूजा का लाभ
सावन सोमवार केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और प्रभु से निकटता प्राप्त करने का मार्ग है. व्रत रखने से मन की एकाग्रता बढ़ती है, संयम का अभ्यास होता है और भीतर की शक्ति जागृत होती है. भक्तों का विश्वास है कि सावन सोमवार को की गई पूजा से जीवन की कठिनाइयां दूर होती हैं और भगवान शिव की कृपा से सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है.
